उत्पाद सिपाही बहाली में युवाओं का नरसंहार कर रही हेमंत सोरेन की सरकार: अमर बाउरी

 

मेदिनीनगर: झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने हेमंत सोरेन की सरकार पर नरसंहार करने का गंभीर आरोप लगाया है. पलामू दौरे के दूसरे दिन उत्पाद सिपाही बहाली प्रक्रिया के दौरान 14 अभ्यर्थियों की मौत पर उन्होंने कहा की झारखंड की यह सरकार नौकरी नहीं बांट रही, नरसंहार कर रही है. किसी एक प्रक्रिया के तहत इतनी मौतें होना नरसंहार से कम नहीं है. सरकार को इसका जवाब देना पड़ेगा।अमर बाउरी ने कहा की जिस तरह उत्पाद सिपाही बहाली प्रक्रिया में एक के बाद एक मौतें हो रही हैं, यह सरासर सरकार की लापरवाही का नतीजा है. यह हत्या का मामला है. इस तरह से गरीब, असहाय, जरूरतमंद युवाओं की हत्या का पाप सरकार कैसे छुपाती है, यह देखना है. उन्होंने कहा की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पूरी घटना को घोर निंदा करती है. इस दुख की घड़ी में भुक्तभोगी परिवार के साथ खड़ी है।नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने सरकार से पूछा कि भादो की उमस वाली गर्मी में कठिन श्रम वाली बहाली की क्या जरूरत आन पड़ी थी. झारखंड की वर्तमान सरकार को इसका जवाब देना होगा. शारीरिक श्रम वाली बहाली प्रक्रिया के दौरान जो चिकित्सकीय इंतजाम रहना चाहिए था, उसके बगैर सरकार ने बहाली शुरू करवा दी. नेता प्रतिपक्ष ने कहा की इन तमाम सवालों का जवाब सरकार को देना होगा।नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सारी प्रक्रिया जिस आपाधापी में शुरू हुई, उससे साफ है कि सभी चीजें वोट बैंक के लिए की गई. यह राजनीतिक खेल है. इसके जरिए वर्तमान सरकार वोट हासिल करना चाहती है. नौकरी देकर वोट पाने के इस खेल में अब तक 14 युवाओं की जान जा चुकी है. इसके लिए राज्य सरकार की घिनौनी और अदूरदर्शी नीति ही जिम्मेवार है।अमर बाउरी ने कहा की सरकार कह रही है कि युवा ड्रग्स लेकर दौड़ रहे थे. इसलिए उनकी मौत हुई. अगर ऐसा है, तो सरकार इस पर कार्रवाई क्यों नहीं करती. इसे रोका क्यों नहीं. क्यों युवाओं को मौत के मुंह में ठेल दिया. उन्होंने कहा कि इतनी मौतों के बाद सरकार अपनी विफलता उन युवाओं के कंधों पर डाल रही थी. बाउरी ने कहा कि नौकरी की आस में जान की बाजी लगाकर दौड़ रहे गरीब, असहाय युवाओं को ड्रग्स लेने वाला बताना शर्मनाक है. उनकी भावनाओं से घिनौना मजाक है।भाजपा नेता अमर बाउरी ने बहाली के दौरान हुई मौतों के लिए झारखंड सरकार को जिम्मेवार ठहराया. उन्होंने मांग की है कि मृतकों के परिजनों को मुआवजा मिलना चाहिए. साथ ही मृतक के परिजनों में से किसी एक योग्य व्यक्ति को सरकारी नौकरी भी देने की मांग की।नेता प्रतिपक्ष से पहले पलामू के सांसद विष्णु दयाल राम ने भी ऐसा ही आरोप झारखंड सरकार पर लगाया था. उस समय वीडी राम ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा था कि राज्य सरकार को अविलंब इस बहाली को रोककर, सही और स्पष्ट नीति और नियम के साथ मेडिकल सुरक्षा में दोबारा बहाली की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए. उन्होंने राज्य सरकार से मृतक के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए का मुआवजा देने की भी मांग की थी।

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